tag:blogger.com,1999:blog-7077082920171996868.post7175539270773531841..comments2014-10-09T13:29:59.258+05:30Comments on Parivaar (The Family): बालिका वधु - एक नकारात्मक द्रष्टिकोणAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7077082920171996868.post-17700821428472353792009-03-25T14:41:00.000+05:302009-03-25T14:41:00.000+05:30कल्याणी जैसा चरित्र इस तरह का व्यवहार कैसे करसकता ...कल्याणी जैसा चरित्र इस तरह का व्यवहार कैसे करसकता है जबकि वो स्वयं एक विधवा है , तथा इस दुःख को जानती है. इस चरित्र में कृत्रिमता डाली जा रही है .mahaboob aftabhttps://www.blogger.com/profile/10558398493951819351noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7077082920171996868.post-82174721137245337982009-02-27T15:25:00.000+05:302009-02-27T15:25:00.000+05:30यही तो हमें भी लग रहा था कि एक खुश हाल जिंदगी भी ...यही तो हमें भी लग रहा था कि एक खुश हाल जिंदगी भी दिखा सकते थे ।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7077082920171996868.post-90494383138510416822009-02-27T10:09:00.000+05:302009-02-27T10:09:00.000+05:30किसी प्रकार की रचना का उद्देश्य समाज में सकारात्...किसी प्रकार की रचना का उद्देश्य समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रचार प्रसार करना है ... जब यथार्थ को यूं ही चित्रित कर दिया जाए तो वह समाप्त कैसे हो पाएगा ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com