आज एक ब्लाग पर यह सवाल उठा है - कब रूकेगी लड़के वालों की दहेज़ की भूख? कब मिलेगा लड़कियों को उचित सम्मान?
प्रश्न जटिल हैं पर उत्तर बहुत आसान. प्रश्न सारे समाज को डस रहे हैं पर उत्तर हम में से हर एक के पास है - 'मुझे डकार आ गई, अब दहेज़ की भूख नहीं है. मैं लड़कियों को उचित सम्मान दूँगा'. इस को रोज सुबह की अपनी प्रार्थना में शामिल कर लेना है बस. रात को सोते समय समीक्षा करनी है और ईश्वर का धन्यवाद करना है कि उस ने हमें नारी का अपमान करने से बचा लिया.
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