भारतीय सेना की एक महिला अधिकारी ने कुछ वरिष्ट अधिकारियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया है. जैसा वह कह रही हैं उस से लगता है कि उन का आरोप सही है. सेना ने, जैसा स्वभाविक है, इस आरोप को नकार दिया है. जब बात अखबारों में आई तब रक्षा मंत्री ने इस शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं. पर जांच उन्हीं उच्च अधिकारियों को सौंपी गई है जो उसे नकार चुके हैं और जिन्होनें इस महिला अधिकारी पर अपनी और से ही आरोप लगाने शुरू कर दिए थे.
कुछ समय पहले भी ऐसा हुआ था पर उस समय महिला अधिकारी का ही कोर्ट मार्शल कर दिया गया था. मुझे डर है कि कहीं इस बार भी ऐसा ही न हो. मुझे इस बात पर भी आश्चर्य है कि ब्लाग्स पर किसी प्रगतिशील नारी ने यौन शोषण पर कोई टिपण्णी नहीं दर्ज की. क्या बात है? यह खामोशी क्यों है?
3 comments:
achhi khabar ye hai ki raksha mantri ne janch ke aadesh de diye hai.
यौन शोषण के खिलाफ लड़ी और जीती
July 15, 2008 THE POST HAS BEEN UP FOR LAST ONE WEEK OR SO IT SEEMS मुझे इस बात पर भी आश्चर्य है कि ब्लाग्स पर किसी प्रगतिशील नारी ने यौन शोषण पर कोई टिपण्णी नहीं दर्ज की. क्या बात है? यह खामोशी क्यों है?
YOU ARE IGNORANT TO TOPICS THAT WE ARE POSTING
RACHNA
बेनामी जी, जिस पोस्ट की ओर आप ईशारा कर रहे हैं (या कर रही हैं) उस पर मैंने अपनी टिपण्णी पोस्ट की थी. आपने शायद उसे नहीं देखा. मैं यहाँ इस नई दुखद घटना की बात कर रहा था. मेरे विचार में हर ऐसी घटना पर बहस होनी चाहिए और इनकी निंदा की जानी चाहिए. यह भी दुःख की बात है कि डॉ आशा सिंह से सम्बंधित पोस्ट पर मात्र ९ टिप्पणियां आईं, और बहस बंद हो गई. मेरी पोस्ट पर भी आपने यौन शोषण के विरुद्ध कुछ नहीं कहा, बस मेरी ही व्यक्तिगत आलोचना करदी.
बैसे आप बेनामी पोस्ट क्यों करते (करती) हैं?
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