यह महिलायें सिंगल हैं, सफल हैं और अपनी इच्छा से मां बनी हैं. उन्होंने शादी की संस्था पर विश्वास नहीं किया और बच्चों को गोद लेकर मां और पिता दोनों का कर्तव्य पूरा किया. आज वह बहुत खुश हैं. उनका परिवार खुश है. आप ख़ुद ही देख लीजिये.




परिवार भारतीय समाज का केन्द्र बिन्दु है. परिवार भारतीय सामजिक व्यवस्था का आधार है. अगर परिवार मजबूत नहीं होंगे तो समाज मजबूत नहीं होगा. परिवार टूटेंगे तो समाज भी टूट कर बिखर जायेगा. एक ऐसी असामाजिक व्यवस्था जन्म लेगी जो मनुष्य को फ़िर से जंगल के कानून का गुलाम बना देगी. यह आवश्यक है कि हम सब मिल कर परिवारों के सशक्तिकरण का प्रयास करें.
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